Aarti Shiv Ji Ki / आरती भगवान शिव की

आरती  भगवान शिव की

!! आरती  भगवान शिव की !!


ऊँ जय शिव ओंकारा , स्वामी हर शिव ओंकारा |
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव , अर्धांगी धारा ||
ऊँ जय शिव ओंकारा

एकानन चतुरानन , पंचानन राजे |
हंसासन गरुणासन , वृषवाहन साजे ||
ऊँ जय शिव ओंकारा

दो भुज चार चतुर्भुज , दसभुज अति सोहे |
त्रिगुण रूप नीरखते , त्रिभुवन जन मोहे ||
ऊँ जय शिव ओंकारा

अक्षरमाला वनमाला मुंडमाला धारी |
चंदन मृदमन सोहे , भोले शुभकारी ||
ऊँ जय शिव ओंकारा

श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे |
सनकादिक ब्रह्मादि भूतादिक संगे ||
ऊँ जय शिव ओंकारा

कर के मध्य कमंडल , चक्र त्रिशूल भरता |
जगकर्ता जगहर्ता जग पालन करता ||
ऊँ जय शिव ओंकारा

ब्रम्हा , विष्णु , सदाशिव जानत अविवेका |
प्रवणाक्षर के मध्य यह तीनों ही एका ||
ऊँ जय शिव ओंकारा

त्रिगुण स्वामी जी आरती जो कोई जन गावे |
कहते शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे ||
ऊँ जय शिव ओंकारा